यशस्वी जायसवाल का जीवन परिचय। | Yashasvi Jaiswal Biography in Hindi

यशस्वी जायसवाल का जीवन परिचय। | Yashasvi Jaiswal Biography in Hindi




 यशस्वी भूपेंद्र कुमार जायसवाल, जिन्हें आमतौर पर यशस्वी जायसवाल के नाम से जाना जाता है, एक भारतीय क्रिकेटर हैं, जो घरेलू क्रिकेट में मुंबई के लिए खेलते हैं. वह बाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज हैं. यशस्वी जायसवाल लिस्ट ए क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले सबसे कम उम्र के बल्लेबाज हैं।

यशस्वी जायसवाल का जीवन परिचय

यशसवी जायसवाल
Yashasvi Jaiswal (cropped).jpg
विजय हजारे ट्रॉफी 2019 के दौरान जायसवाल
व्यक्तिगत जानकारी
पूरा नामयशस्वी भूपेंद्र कुमार जायसवाल
जन्म28 दिसम्बर 2001(आयु 21)
सुरियावांभदोहीउत्तर प्रदेश, भारत[1]
कद5 फीट 10[2] इंच (1.78 मी॰)
बल्लेबाजी की शैलीबायां हाथ
गेंदबाजी की शैलीलेग ब्रेक
भूमिकासलामी बल्लेबाज
घरेलू टीम की जानकारी
वर्षटीम 
2018/19–वर्तमानमुंबई
स्रोत : क्रिकइन्फो, 19 अक्टूबर 2019

यशस्वी जायसवाल का परिवार


पिता =भूपेंद्र कुमार जायसवाल



माता ==कंचन जायसवाल

भाई-बहन == 5

पत्नी == अविवाहित




आईपीएल 2021 में यशस्वी ने 10 मुकाबलों में 24.90 की औसत से 249 रन बनाए थे, जिसके बाद यशस्वी को आईपीएल 2022 की नीलामी से पहले ही  राजस्थान रॉयल्स (RR) ने 4 करोड़ रुपए देकर उन्हें रिटेन कर लिया था |


यशस्वी जायसवाल का जन्म और प्रारंभिक जीवन



यशस्वी जायसवाल का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य के भदोही जिले में एक सुरियावां नामक गांव में 28 दिसंबर 2001 को हुआ था। इनका जन्म यह एक बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था। इनका जन्म इतने गरीब परिवार में हुआ था कि इनके पास अपनी खुद की कोई जमीन जगह इत्यादि नहीं थी। इन्हें अलग-अलग जगहों पर टेंट इत्यादि लगाकर के रहना पड़ता था।

जैसा कि हमने बताया यशस्वी जायसवाल अपने माता-पिता के 6 बच्चों में से चौथे पुत्र है और यशस्वी जायसवाल के पिताजी का नाम भूपेंद्र जायसवाल है, उनके पिता एक छोटे से हार्डवेयर स्टोर के मालिक हैं। वहीं इनकी मां का नाम कंचन जायसवाल है, इनकी माता एक बहुत ही अच्छी गृहणी हैं।

यशस्वी जायसवाल अपने बचपन के समय में पढ़ लिख ना सके क्योंकि वह बहुत ही गरीब परिवार से संबंध रखते थे। परंतु इनका झुकाव क्रिकेट की तरफ था, इसके लिए उन्होंने यह निश्चय किया कि वे मुंबई जाएंगे। ऐसे में यशस्वी जायसवाल लगभग 10 वर्ष की उम्र में ही मुंबई चले गए। यशस्वी जायसवाल मुंबई इसीलिए गए थे ताकि यह क्रिकेट का प्रशिक्षण बढ़िया अच्छी तरीके से प्राप्त कर सके।

यशस्वी जायसवाल मुंबई जाने के बाद दादर में रहने लगे। परंतु दादर और मुंबई के मध्य बहुत ही बड़ा अंतर था, जिसके लिए वह कालबादेवी के पड़ोस में स्थानांतरित हो गए, जहां पर उन्होंने रहने के लिए एक दुकान में निम्न कार्य करना शुरू किया, जिसके लिए उन्हें उसी दुकान में रहने के लिए थोड़ी सी जगह मिल गई। बाद में उन्हें उस दुकान से निकाल दिया गया क्योंकि वह अपने क्रिकेट के प्रशिक्षण के समय दुकान में बहुत ही कम ध्यान देते थे।

जैसा कि हमने पहले बताया यशस्वी जायसवाल के पास अपनी खुद की कोई भी जगह नहीं थी, जिसके कारण उन्हें एक टेंट में रहना पड़ा। यशस्वी जायसवाल एक मैदान में टेंट लगाकर के रुके हुए थे, उनके पास पैसों की कमी थी, जिसके कारण वे ज्यादातर भूखे ही सो जाते थे।


यशस्वी जायसवाल ने अपनी आजीविका चलाने के लिए कौन-कौन से काम किए हैं?



इनके पिताजी का कहना है कि मुंबई में यशस्वी जायसवाल ने आजाद मैदान के बाहर रहना पसंद किया था। क्योंकि मुंबई में उनका कोई भी खुद का जमीन या फिर कोई फ्लैट इत्यादि नहीं था, जिसके लिए इन्हें उसी मैदान के बाहर टेंट लगाकर के रहना पड़ा था। ऐसे में यशस्वी जायसवाल वहां अपना जीवन यापन करने के लिए कुछ ना कुछ तो करना ही था, इसके लिए यशस्वी जायसवाल उसी मैदान के बाहर गोलगप्पे की दुकान पर काम किया करते थे।

यशस्वी जायसवाल ना केवल इस गोलगप्पे की दुकान पर काम किया अपितु एक दूध वाले की दुकान पर भी काम किया है। यशस्वी जायसवाल उस डेरी में एक सफाई कर्मी की तरह काम किया करते थे, जिसके लिए उन्हें प्रतिदिन का लगभग ₹20 मिलता था।

यशस्वी जायसवाल यहां पर लगभग 4 से 5 महीनों तक काम किया था, इसके बाद वे इस काम से निकाल लिए गए। यशस्वी जायसवाल को इस नौकरी से इसलिए निकाला गया था, क्योंकि उस डेरी के मालिक का यह कहना था कि यह पूरा दिन खेलता और सोता है।


वह मुलाकात जिसने बदल दी यशस्वी जायसवाल की तकदीर



यशस्वी जायसवाल के पिता का यह कहना है कि यशस्वी महज 13 वर्ष की उम्र से ही एक क्रिकेट टीम में खेल रहे थे, वह क्रिकेट टीम अंजुमन इस्लामिया की टीम थी, जो कि आजाद ग्राउंड पर खेल रही थी। इसी टीम की तरफ से यशस्वी जायसवाल खेल रहे थे, जहां पर उन्होंने अपना बहुत ही अच्छा प्रदर्शन दिया था। वहां पर यशस्वी जायसवाल की मुलाकात इसी लीग में बहुत ही प्रसिद्ध क्रिकेट टीम के कोच ज्वाला सिंह से हुई। ज्वाला सिंह की सांताक्रुज में एक एकेडमी थी। ज्वाला सिंह यशस्वी जायसवाल के खेल से काफी प्रभावित हुए थे, जिसके बाद उन्होंने यशस्वी जायसवाल से पूछा “तुम्हें क्रिकेट का प्रशिक्षण देने वाला कोच कौन है?” यशस्वी जायसवाल ने बड़ी ही आसानी से इसका उत्तर दिया कि “उनका कोई कुछ नहीं है और मैं बड़े लोगों को खेलता देख कर सीखता हूं।”

उनकी यह बात सुनकर के ज्वाला सिंह ने उनके पिता से जा करके बात की। इसके बाद उन्होंने मात्र 2 दिन बाद ही यशस्वी जायसवाल को अपने क्रिकेट एकेडमी में ले गए। यही वह मुलाकात थी, जिसके कारण यशस्वी जायसवाल की पूरी जिंदगी ही बदल गई।


यशस्वी जायसवाल का करियर



अपने इस क्रिकेट कोच की सहायता से वे बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करने लगे, जिसके कारण यशस्वी जायसवाल वर्ष 2015 तक तो सुर्खियों में आ गए थे। उन्होंने अपने पहले मैच में 319 रन बनाए और इतना ही नहीं गिल्स शील्ड मैच में इन्होंने एक ऐसा ऑलराउंडर रिकॉर्ड कायम कर दिया, जिसे किसी ने भी अब तक नहीं किया था, उन्होंने महज 13/99 रन बनाए थे। जिसके लिए उन्हें लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड से मान्यता भी प्राप्त हुई थी।

इसके बाद भारत क्रिकेट टीम के द्वारा 19 मुंबई क्रिकेट टीम के अंतर्गत लगभग 16 टीमों में चुना गया था। यशस्वी जायसवाल वर्ष 2018 में एसीसी के अंतर्गत एशिया कप में सर्वाधिक रन बनाने वाले व्यक्ति बन गए थे, जिन्होंने इस मैच में लगभग 318 रन बनाए थे और इसके अलावा यशस्वी जायसवाल टूर्नामेंट के खिलाड़ी भी हैं। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2019 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध टेस्ट मैच में लगभग 220 गेंदों में से 173 गेंदों का सामना किया।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए इस मैच में यशस्वी जायसवाल ने लगभग 152 और 50 रन बनाकर एक पारी की जीत हासिल करवाई और आउट हो गए। इस वर्ष के बाद यशस्वी जायसवाल कुल 7 मैचों में 294 रन बनाए, जिसमें चार मैचों में अर्धशतक भी बनाए थे।

इसके बाद दिसंबर 2019 से 2020 के अंतर्गत उन्हें क्रिकेट विश्वकप के लिए भारत की टीम में चुना गया था। जायसवाल टूर्नामेंट के स्कोरर बने और इन्होंने सेमीफाइनल में पाकिस्तान के विरुद्ध शतक भी बनाया था। यशस्वी जायसवाल ने वर्ष 2018 से 2019 में मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी में प्रथम श्रेणी में अपना पहला प्रदर्शन किया था, इन्होंने यह प्रदर्शन 7 जनवरी 2019 को किया था। इसके उपरांत 16 अक्टूबर 2019 को इन्होंने झारखंड के विरुद्ध इसी मैच में दोहरा शतक बनाया, इस मैच के बाद यह दोहरा शतक लगाने वाले प्रथम ऐसे व्यक्ति बन गए जो कि बहुत ही कम उम्र के थे। यशस्वी जायसवाल को कम उम्र में दोहरा शतक लगाने का खिताब प्राप्त है।

यशस्वी जायसवाल ने वर्ष 2019 से 20 के मध्य विजय हजारे ट्रॉफी में सबसे अधिक रन बनाने वाले प्रसिद्ध व्यक्तियों में से एक हो गए और इसके उपरांत यशस्वी जायसवाल ने लगभग 6 मैचों में 564 रन बनाए। इन्होंने इन सभी मैचों में लगभग 112.80 की औसत से 564 रनों की उपलब्धि प्राप्त की थी।

इन सभी के पश्चात वर्ष 2020 की आईपीएल में नीलामी के दौरान इनको राजस्थान रॉयल्स की तरफ से खेलने का प्रस्ताव आया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया और यशस्वी जायसवाल ने 22 सितंबर 2020 के दिन आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए T20 में पदार्पण किया।

इस मैच को खेलने के लिए राजस्थान रॉयल्स के द्वारा इनको लगभग 2.4 करोड रुपए देकर के खरीदा गया था। यशस्वी जायसवाल इस वर्ष बहुत ही अधिक पैसों में बिकने वाले खिलाड़ी थे। क्योंकि यह बहुत ही कम उम्र के थे, जिस वर्ष इनकी नीलामी हुई थी। इस वर्ष जे मात्र 18 वर्ष के ही थे।

साल 2021 में आयोजित आईपीएल में 2.4 करोड़ रुपए में राजस्थान रॉयल्स ने अपनी टीम में खेलने के लिए खरीद लिया। सन 2021 के आईपीएल मैच में यशस्वी जयसवाल ने 10 मैचों में 10 छक्के और 32 चौके के साथ 249 रन बनाए। साल 2022 में राजस्थान रॉयल्स ने चार करोड़ की रकम देकर यशस्वी जैस्वाल को खरीदा।